۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/अगर जुमआ के दिन में कोई आदमी नमाज़े ज़ोहर और अस्र पढ़ना चाहता है तो क्या ज़रूरी है कि नमाज़े ज़ोहर और असर को देर से पढ़ें?

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल: अगर जुमआ के दिन में कोई आदमी नमाज़े ज़ोहर और अस्र पढ़ना चाहता है तो क्या ज़रूरी है कि नमाज़े ज़ोहर और असर को देर से पढ़ें?

उत्तर:जुमआ के दिन नमाज़े ज़ोहर को देर से पढ़ना ज़रूरी नही हैं।

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