हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना सैयद युनूस हैदर रिज़वी माहुली ने हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद अली अम्मार रिज़वी के साथ उनके बड़े पुत्र की मृत्यु पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है।
मौलाना सैयद अली अम्मार रिज़वी (भारत में इमाम हादी फाउंडेशन (हादी फाउंडेशन) के प्रभारी) के युवा बेटे स्वर्गीय सैयद मुहम्मद फ़ाख़िर सल्लमहू की खबर सुनकर ऐसा लगा जैसे उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई हो, और उसके सिर पर आसमान गिर गया। हां, अभी तक जवानी की दहलीज पर कदम नहीं रखा था, मैं अपनी संवेदनाएं कैसे व्यक्त कर सकता हूं, एक दुखी पिता और मां और परिवार को धैर्य और सांत्वना देने के लिए मैं किन शब्दों या वाक्यांशों का उपयोग करू। आख़िर किसकी नज़र खा गईं जो हँसता-खेलता फूल मुरझा गया और गुलशन में पतझड़ आ गया।
इस समय संसार को उसकी सुगंध भी न मिली थी कि तेज हवा ने हमें उसकी सुगंध से दूर कर दिया।
अल्लाह अपने मोमिन बंदों की परीक्षा लेता है और सबसे कड़ी परीक्षा पिता की आंखों के सामने बेटे का निधन है।
अल्लाह अज़ीज़ भाई मौलाना अली अम्मार रिज़वी को इस कठिन परीक्षा में सफल बनाये और कर्बला के लोगों के सदके में उन्हें सब्र दे।
यह सच है कि जब हमे इस त्रासदी पर धैर्य नहीं हो रहा है, तो जिसने पालन पोषण करके परवान चढ़ाया हो उसके लिए यह बहुत कठिन समय है, लेकिन धैर्य भी भगवान द्वारा दिया जाता है।
हम आपके दुःख में बराबर के भागीदार हैं।
यह दुखद समाचार सुनकर मन अत्यंत दुखी है और आंखें आंसुओं से भरी हैं। अल्लाह मृतक को महशर के दिन उसके माता-पिता के लिए शफाअत करने वाला बनाये।
आमीन:
सय्दय यूनुस हैदर रिज़वी माहुली