۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
सफी

हौज़ा/26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर गोलागंज स्थित तनज़ीमुल मकातिब परिसर में समारोह का आयोजन किया गया,जिसकी शुरुआत जामिया इमामिया के छात्र मौलवी अली रज़ा ने पवित्र कुरआन की तिलावत से कि उसके बाद तनज़ीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सैय्यद सफी हैदर ने झंडा फहराया,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लखनऊ/ गणतंत्र दिवस के अवसर पर गोलागंज स्थित संस्था तनज़ीमुल मकातिब परिसर में समारोह का आयोजन किया गया,


जिसकी शुरुआत जामिया इमामिया के छात्र मौलवी अली रज़ा ने पवित्र कुरआन की तिलावत से किया। उसके बाद संस्था तनज़ीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सय्यद सफी हैदर ने झंडा फहराया और मौलवी अली बहादुर, मौलवी अली मुहम्मद ज़ैनपुरी और मौलवी मोहम्मद फ़हीम ने राष्ट्रगान पढ़ा।

मौलवी मोहम्मद ताहा, मौलवी नकी अब्बास और मौलवी आमिर अब्बास ने अल्लामा इकबाल की प्रसिद्ध कविता ,सारे जहां से उस हिंदुस्तान हमारा" पढ़ी और जामिया इमामिया के छात्र मौलवी हसन तुराबी ने अंग्रेज़ी में तकरीर की जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे देश में कानून कब बना और कब लागू हुआ।


जश्न का संचालन मौलाना मंजर अली अरीफी ने किया जामिया इमामिया के प्रभारी मौलाना सय्यद मुनवर हुसैन ने कहा कि हमारा प्यारा देश भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यही लोकतंत्र इसकी खूबसूरती और विशिष्टता है। हमारे यहां चुनाव होता है चुनाव के दौरान तमाम प्रतिस्पर्धा के बावजूद जो पार्टी जीतती है उसे सभी पार्टियों की ओर से बधाई दी जाती है जो हमारे देश के लोकतंत्र, भाईचारे और गंगा जमनी तहज़ीब का जीता जागता सबूत है।


संस्था तनज़ीमुल मकातिब की प्रबंधन समिति के सदस्य मौलाना सबीहुल हुसैन ने कहा कि हमारा देश, हमारा भारत किसी धर्म का देश नहीं है बल्कि मानवता का देश है और यहां सरकार किसी भी पार्टी की हो लेकिन प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है और मुख्यमंत्री हर प्रांत का होता है सभी शासक देश के सेवक होते हैं और हर कौम कहती है कि यह हमारे प्रधानमंत्री हैं क्योंकि हमारे देश में हमेशा मानवता का शासन रहा है और इसीलिए अलग-अलग जाति के लोग इसके आलिंगन में रह रहे हैं लेकिन एक दूसरे में ताल मेल बरकरार है।
संस्था तनज़ीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सय्यद सफी हैदर ने तकरीर करते हुए कहा कि हमें हमेशा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए और जब तक हम जीवित हैं ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए ज्ञान सिर्फ लैब्रेरी बनाने के लिए नहीं बल्कि इस लिए प्राप्त करना है कि उस पर अमल कर के अच्छे इंसान बन सकें।


मौलाना ने अपनी तकरीर में कहा कि भारत पहला ऐसा देश है जहां जनाबे ईसा के जन्म से कम से कम 100 साल पहले भारत के कई हिस्सों में लोकतंत्र मौजूद था यानी हमारा वह देश है जो हमें एक साथ मिल कर रहने और एक साथ मिल कर चलने की सलाह देता है।
मौलाना सय्यद सफी हैदर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आवाम की हुकूमत आवाम के आवाम के ज़रिए आवाम के लिए होती है हर लोकतांत्रिक देश का एक संविधान होता है जो उस राष्ट्र के सबसे बुद्धिमान और अनुभवी शिक्षित और ईमानदार लोगों द्वारा बनाया होता है इस संविधान का पालन ही देश को सही दिशा में ले जाता है।हमारा देश हमेशा से विकास के पथ पर अग्रसर रहा है क्योंकि संविधान की रक्षा जनता, सरकार और न्यायपालिका ने की है।
इस समारोह में जामिया इमामिया के शिक्षकों और छात्रों के अलावा संस्था तनज़ीमुल मकातिब के सेवकों और कार्यकर्ताओं ने भी शिरकत की।

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