۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शाएर

हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इस मुलाक़ात में अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम की मदह के सभी पहलुओं के ख़ूबसूरत होने पर ताकीद करते हुए इसे शियों की विरासत और ऐसी कला बताया जो अच्छी आवाज़, अच्छे शेर, मुनासिब धुन और अच्छी बातों से मिलकर वजूद में आती है।

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