हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,फ़ैमिली से मुतअल्लिक़ एक और अहम मुद्दा जिसकी बहुत अहमियत है वह बच्चे पैदा करने का मुद्दा है और यह बहुत बड़ा चैलेंज है।
हमने कई साल इस मुद्दे को उठाया और चर्चा की तो अच्छी लड़कियों और अच्छी औरतों के एक समूह ने क़ुबूल किया और अमल किया लेकिन समाज में आम सतह पर इसका असर नहीं है।
इस वक़्त हमारा फ़र्टिलिटी रेट, रिप्लेसमेंट रेट के बराबर भी नहीं है, यानी रिप्लेसमेंट रेट (2.3) से कम है, इस वक़्त ऐसा है। इसका मतलब यह है कि हमारा समाज अगले तीस साल में बूढ़ों का समाज होगा। बहुत बड़ा खतरा है।
यह सारे ख़तरों से बड़ा ख़तरा है। यह बहुत अहम बात है। इसके लिए काम और कोशिश की ज़रूरत है। यक़ीनी तौर पर इस चैलेंज से निमटने के रास्ते भी हैं, इसका हल निकलना चाहिए।