हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक दिन आयतुल्लाह इलाही तबताबाई (अल्लामा तबताबाई के भाई) को हजरत बक़ियातुल्लाह अज्जलल्लाहो ताला फरजाहुश्शरीफ से मुलाक़ात का सौभाग्य प्राप्त हुआ। तो इमाम (अ) ने उनसे कहा: यदि तुम्हे कोई परेशानी और कठिनाई हो, तो अल्लाह की बारगाह मे हमारे दस्तरखान के नमकख़ारो का वास्ता दो।
आयतुल्लाह इलाही तबताबाई कहते हैं कि इमाम जो कहना चाहते थे, मैं भले ही समझ गया, लेकिन मैं इमाम की ज़बान में सुनना चाहता था!
मैंने पूछा: या इमाम! आपके दस्तरख़ान पर नमक खाने वाले कौन हैं?
हज़रत ने कहा: धार्मिक छात्र है।
मैंने पूछा: इमाम, क्या आप छात्रों से संतुष्ट हैं?
हजरत चुप रहे और कुछ देर बाद कहा:
उनके अलावा हमारा कोई नहीं!