۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
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हौज़ा/स्‍वीडन की राजधानी स्‍टॉकहोम में कुरआन जलाए जाने की घटना के बाद से कई मुसलमान देशों ने नराज़गी जताई हैं साथ ही उन्‍होंने चेतावनी दी है कि इस घटना से मुसलमानों की संवेदनाओं को गहरी चोट लगी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,स्‍वीडन की राजधानी स्‍टॉकहोम में कुराआन जलाए जाने के बाद मुसलमान देशों ने नराज़गी जताई हैं। देश के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने हालांकि इस घटना की निंदा की है, मगर फिर भी इतना काफी नहीं है। स्‍वीडिश पीएम ने इस मामले को बेहद असम्‍मानजनक करार दिया है।

इस घटना की वजह से स्‍वीडन का तुर्की के साथ तनाव पैदा हो गया है। पहले ही दोनों देशों में नाटो की सदस्‍यता की वजह से तनातनी है। क्रिस्‍टर्सन की तरफ से प्रतिक्रिया तब आई है जब कई मुसलमान देशों ने इस घटना को लेकर नाराजगी जाहिर की है।


इस पूरी घटना पर मुसलमान देश खासे नाराज़ हैं। तुर्की, पाकिस्‍तान, जॉर्डन, कुवैत और सऊदी अरब की तरफ से इस कृत्‍य की निंदा की गई है। कई देशों ने इसे एक भड़काऊ करार दिया है। साथ ही उन्‍होंने चेतावनी दी है कि इस घटना से मुसलमानों की संवेदनाओं को गहरी चोट लगी हैं।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्विटर पर लिखा, अभिव्‍यक्ति की आजादी का प्रयोग मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता है। शहबात का कहना है कि कोई भी शब्‍द पवित्र कुरान को जलाए जाने की घटना की निंदा करने के लिए कम है। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस घटना से दुनियाभर में बसे 1.5 अरब मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं।
इसी तरह से सऊद अरब की तरफ से भी इसकी निंदा की गई है। सऊदी अरब ने पुलिस की भी निंदा की है कि उन्‍होंने इस पवित्र ग्रंथ को जलाने और विरोध प्रदर्शन की मंजूरी दी। कतर, ईरान और यूएई ने भी स्‍वीडन से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।

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