۱۸ تیر ۱۴۰۳ |۱ محرم ۱۴۴۶ | Jul 8, 2024
हिजाब

हौज़ा/उच्च शिक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ज़ियाउल्लाह हाशमी ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि इस कदम की व्याख्या करने के लिए इस सप्ताह में एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अफगानिस्तान में सत्ता पाने के बाद से ही तालिबान महिलाओं पर तरह तरह के जुर्म कर रहा हैं तालिबानी सरकार ने महिलाओं पर यूनिवर्सिटीज में पढ़ने जाने के लिए रोक लगा दी है। इस बीच गुरुवार को काबुल में दो दर्जन महिलाओं ने तालिबान के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अब मामले में तुर्की और सऊदी अरब ने तालिबान सरकार के फैसले का विरोध किया हैं।

इसके अलावा कई अफगानिस्तान के क्रिकेटरों ने भी विश्वविद्यालय में महिलाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा की हैं। तालिबान प्रशासन ने इस सप्ताह की शुरुआत में देश भर में महिलाओं को तुरंत और अगली सूचना तक निजी और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में जाने से रोकने का आदेश दिया हैं।
हालांकि अभी तक तालिबान के प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से प्रतिबंध के बारे में बात नहीं की है या इसके खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उच्च शिक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ज़ियाउल्लाह हाशमी ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि इस कदम की व्याख्या करने के लिए इस सप्ताह एक न्यूज कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी।
तालिबान ने अगस्त 2021 में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से इस्लामी कानून, या शरिया की अपनी व्याख्या को व्यापक रूप से लागू किया है। उन्होंने मिडिल स्कूल और हाई स्कूल में लड़कियों को प्रतिबंधित कर दिया है, महिलाओं को रोजगार के अधिकांश क्षेत्रों से प्रतिबंधित कर दिया है और उन्हें सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक के कपड़े पहनने का आदेश दिया है महिलाओं के पार्क और जिम में जाने पर भी पाबंदी है।

विश्वविद्यालय प्रतिबंध की निंदा की शुरुआत तुर्की और सऊदी अरब से हुई तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने गुरुवार को कहा कि प्रतिबंध न तो इस्लामी और न ही मानवीय था।

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