हौज़ा न्यूज़ एजेंसी ने तसनीम न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब के फ़ंड से चलने वाले इस टीवी चैनल ने एक महिला राजनीतिक विशेषज्ञ लादन बाज़रगान का इंटरव्यू प्रसारित किया है, जिसमें बाज़रगान को कर्बला में इमाम हुसैन और उनके परिजनों पर हुए ज़ुल्म को एक प्रोपैगंडा और कर्बला की जंग को सत्ता के लिए एक पारिवारिक लड़ाई बताते हुए देखा जा सकता है।
बाज़रगान का दावा था कि हज़रत अली असग़र पर हुए ज़ुल्म और कर्बला की घटना एक प्रोपैगंडा है।
हालांकि ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर लगभग सभी मुसलमान और ख़ास तौर पर शिया मुसलमानों का मानना है कि कर्बला की जंग सत्य और असत्य के बीच की सबसे बड़ी जंग थी और कर्बला में यज़ीद की सेना ने जो ज़ुल्म और अत्याचार इमाम हुसैन और उनके परिजनों और साथियों पर किए उसकी मिसाल कहीं नहीं मिलती।
दर असल, इस्लामी गणतंत्र विरोधी शक्तियां, विरोध और दुश्मनी में अब इतना आगे निकल गई हैं कि ऐतिहासिक घटनाओं का इंकार करते हुए शिया मुसलमानों के धार्मिक विश्वासों को निशाना बना रही हैं। जबकि कर्बला की घटना शिया मुसलमानों के बीच एक बहुत ही संवेदनशील विषय है, जिसके साथ इतिहास में उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया है।
ईरान इंटरनेशनल टीवी चैनल ईरान में दंगे और हिंसा भड़काने और इस्लामी व्यवस्था के परिवर्तन के एजेंडे पर काम कर रहा है, लेकिन अब इस चैनल ने शिया मुसलमानों के धार्मिक विश्वासों पर भी प्रहार शुरू कर दिए हैं।