۳ آذر ۱۴۰۳ |۲۱ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 23, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/ऐसी चीजों के हराम होने की कसौटी यह है कि वह काम इस्लाम के दुश्मनों से मिलती-जुलती और इनके कल्चर को बढ़ावा देने का सबब बने तो ठिक नही हैं वह व्यक्ति अधिनियम समय और देशों के कल्चर होने के कारण हो सकता हैं,पश्चिमी होना कोई विशेषता नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल: बाल काटने में पश्चिमी स्टाइल की तकलीद करने का क्या हुक्म हैं?


उत्तर: ऐसी चीजों के हराम होने की कसौटी यह है कि वह काम इस्लाम के दुश्मनों से मिलती-जुलती और इनके कल्चर को बढ़ावा देने का सबब बने तो ठिक नही हैं वह व्यक्ति अधिनियम समय और देशों के कल्चर होने के कारण हो सकता हैं,पश्चिमी होना कोई विशेषता नहीं है।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .