۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/मस्जिद के इस्तेमाल के लिए किराया लेना जायज़ नहीं है,हाँ लेकिन मस्जिद के लिए वक़्फ़ जैसे फ़र्श, दीया, मेक आदि, इन चीजों का वक़्फ़ करना ऐसी चीजों को शामिल करता हो तो वहां पर मजलिस वगैरा करने के लिए किन इन चीजों का किराया ले सकता हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा ए इल्मिया नजफ अशरफ के प्रसिद्द शिया आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली हुसैनी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पुछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे हैं।


सवाल: मस्जिद के सामान को किराए पर देना  कैसा है?
उत्तर: मस्जिद के इस्तेमाल के लिए किराया लेना जायज़ नहीं है,हाँ लेकिन मस्जिद के लिए वक़्फ़ जैसे फ़र्श, दीया, मेक आदि, इन चीजों का वक़्फ़ करना ऐसी चीजों को शामिल करता हो तो वहां पर मजलिस वगैरा करने के लिए किन इन चीजों का किराया ले सकता हैं।

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