हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया,जब हम रहमानियत के ज़रिए अल्लाह की तारीफ़ करते हैं तो हक़ीक़त में हम यह कहते हैं कि अल्लाह की रहमत सृष्टि की हर चीज़ को अपनी छाया में लिए हुए है, तो रहमान का मतलब है कि वह ज़ात जिसकी रहमत समावेशी है।
अल्लाह की यह उमूमी रहमत क्या है? अल्लाह सृष्टि की सभी चीज़ों के लिए रहमत रखता हैः उनको वजूद देना रहमत हैं उसने उन्हें पैदा किया है और यह अल्लाह की ओर से हर मख़लूक़ के लिए एक रहमत हैं।
और उन सबकी हिदायत की है जो रहमत है, अल्लाह हर चीज़ की एक ख़ास रास्ते पर हिदायत कर रहा है, वह विकास की ओर, मुकम्मल होने की ओर पेड़ की हिदायत कर रहा है, दाने के खुलने की ओर, खाद्य पदार्थ बनने की ओर, उगने की ओर, फल देने की ओर हिदायत कर रहा है, हैवान की भी हिदायत कर रहा है, यहाँ तक कि पत्थरों जैसी मख़लूक़ की भी हिदायत कर रहा है।