۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में शिक्षक और अध्यापक के मकाम को बयान किया है

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मजमय अलबयान,,पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:


:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم

أنَّهُ إذا قالَ الْمُعَلِّمُ لِلصَّبىِّ قُل بِسمِ اللّهِ الرَّحمنِ الرَّحيمِ فَقالَ الصَّبىُّ بِسمِ اللّهِ الرَّحمنِ الرَّحيمِ كَـتَبَ اللّه ُ بَراءَةً لِلصَّبِىِّ و بَراءَةً لأِبـَوَيهِ و بَراءَةً لِلمُعَلِّمِـتَبَ اللّه ُ بَراءَةً لِلصَّبِىِّ و بَراءَةً لأِبـَوَيهِ و بَراءَةً لِلمُعَلِّمِـَوَيهِ و بَراءَةً لِلمُعَلِّمِ

हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:


जब एक उस्ताद तालीम देने के दौरान बच्चे को कहता है कि कहो( बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम) और वह बच्चा इसे तकरार करता हैं,पड़ता है,तो अल्लाह तआला इस बच्चे इसके माता-पिता और उस्ताद सबको जहन्नम की आग से निजात अता करता हैं।
मजमय अलबयान,भाग 1,पेंज 50

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