हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफ़सीर: इत्रे क़ुरआन: सूर ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
وَقَالُوا اتَّخَذَ اللَّـهُ وَلَدًا ۗ سُبْحَانَهُ ۖ بَل لَّهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۖ كُلٌّ لَّهُ قَانِتُونَ वा क़ालूत तख़ाज्ल्लाहो वलादन सुब्हानहू बल लहू मा फ़िस समावाते वल अर्ज़े कुल्लुल लहू क़ानेतून (बकरा, 116)
अनुवादः और वे (किताबवाले) कहते हैं कि अल्लाह ने एक बेटा पैदा किया। बल्कि वह ऐसी बातो से पवित्र है। जो कुछ आकाशों और धरती में है, वे आज्ञाकारी हैं और हर चीज़ उसके अधीन हैं।
क़ुरआन की तफ़सीर:
1️⃣ यहूदियों, ईसाइयों और बहुदेववादियों ने गलत तरीके से अल्लाह के लिए जिम्मेदार ठहराया है कि उसके बच्चे हैं या उसने बच्चों को चुना है।
2️⃣ बच्चा चुनना या बच्चा पैदा करना अल्लाह तआला के लिए गलती है।
3️⃣ आकाश और पृथ्वी के तमाम प्राणी अल्लाह की मखलूक हैं।
4️⃣ अल्लाह तआला का ब्रह्मांड का मालिक होने में कोई साझीदार नहीं है।
5️⃣ ब्रह्मांड मे जो कुछ भी है अल्लाह की आज्ञा का पालन करने वाला और उसकी इबादत करने वाला है।
6️⃣ सभी प्राणी अल्लाह की महानता और जागरूकता का परिणाम हैं।
7️⃣ ब्रह्मांड का अल्लाह से ममलूक का मालिक से संबंध है नाकि बेटा का पिता से संबंध है।
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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए बक़रा
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