हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
أَوَلَا يَعْلَمُونَ أَنَّ اللَّـهَ يَعْلَمُ مَا يُسِرُّونَ وَمَا يُعْلِنُونَ अवा यअलामूना अन्नल लाहा यालमो मा योसिर्रूना वमा याअलमून (बकरा 77)
अनुवादः ये लोग यह भी नहीं जानते कि जो कुछ ये छिपाते और जो कुछ प्रकट करते हैं, अल्लाह सब कुछ जानता है।
📕 क़ुरआन की तफ़सीर 📕
1️⃣ मनुष्य जो कुछ छुपाता है या जाहिर करता है अल्लाह उससे वाकिफ होता है।
2️⃣ यहूदी अल्लाह तआला को छिपी हुई बातों से वाकिफ नहीं मानते थे।
3️⃣ यहूदियों के लिए अल्लाह की फटकार इसलिए है क्योंकि वे समझते हैं कि अल्लाह का ज्ञान सीमित है।
4️⃣ यहूदियों को अल्लाह तआला और उसकी विशेषताओं का आवश्यक ज्ञान और मान्यता नहीं थी।
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📚 तफसीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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