۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
जंग

हौज़ा/उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक मुस्लिम महिला से सामूहिक बलात्कार के मामले में मुज़फ़्फ़रनगर की एक अदालत ने दो आरोपियों को दोषी क़रार देते हुए 20-20 साल क़ैद और 15-15 हज़ार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक मुस्लिम महिला से सामूहिक बलात्कार के मामले में मुज़फ़्फ़रनगर की एक अदालत ने दो आरोपियों को दोषी क़रार देते हुए 20-20 साल क़ैद और 15-15 हज़ार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई हैं।

नवभारत टाइम्स के अनुसार,इस मामले की शिकायतकर्ता अकेली ऐसी महिला हैं, जो दंगों के दौरान हुए बलात्कार के आरोपों को लेकर अदालत में मुकदमा लड़ती रहीं,

मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने तीन आरोपियों- कुलदीप सिंह, महेशवीर और सिकंदर मलिक के ख़िलाफ चार्जशीट दायर की थी। 2020 में इनमें से एक कुलदीप सिंह की मौत हो गई थी, इन लोगों पर सितम्बर 2013 में दंगों के दौरान फुगाना क्षेत्र के एक गांव में 26 वर्षीय महिला के सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया गया था।

शिकायतकर्ता महिला ने मामले की सुनवाई जल्द ख़त्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था। अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को आदेश दिया था कि इस मामले को लंबे समय तक टाला न जाए और वह इस मामले को प्राथमिकता से ले, इसके बाद इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई हुई थी।

ग्रोवर ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा था कि अभियुक्त निचली अदालत में सुनवाई की प्रक्रिया में विलंब कराने की कोशिश कर रहे हैं।

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