हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे कुरआन: तफसीर सूर ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
إِذْ تَبَرَّأَ الَّذِينَ اتُّبِعُوا مِنَ الَّذِينَ اتَّبَعُوا وَرَأَوُا الْعَذَابَ وَتَقَطَّعَتْ بِهِمُ الْأَسْبَابُ इज़ तबर्रल लज़ीना इत्तबेऊ मिनल लज़ीना इत्तबेऊ वराउव अल अज़ाबा वा तक़त्तअत बेहेमुल असबाब (बकरा, 166)
अनुवाद: और (कितनी सख्त होगी वो स्टेज) जब वो (अनुयायी) जिनका (जगत में) पालन किया गया अपने मुरीदों (मुरीदों) से बेगुनाही और वैराग्य का प्रदर्शन करेंगे और खुदा का अज़ाब उनकी आँखों के सामने होगा और सारे साधन और रिश्ते पूरी तरह कट जाएगा।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ जब शिर्क के नेता क़यामत के दिन की यातना का सामना करेंगे, तो वे अपने अनुयायियों से दूर हो जाएंगे और घृणा करेंगे।
2️⃣ बहुदेववादियों के पास क़यामत के दिन की यातना से बचने का कोई साधन नहीं है।
3️⃣ न्याय का दिन बहुदेववादियों के अनुयायियों के लिए अपने पूर्वजों और बड़ों की त्रुटि के बारे में जागरूक होने का दिन है।
4️⃣ ईश्वर के नियमों के अनुसार झूठी ताकतों का पालन शिर्क है।
5️⃣ गुमराह नेताओं और नेताओं की जनता को गुमराह करने में बहुत मौलिक भूमिका होती है।
6️⃣ दोस्ती और आज्ञाकारिता का गहरा संबंध है।
7️⃣ कयामत के दिन बहुदेववाद के नेताओं और उनके अनुयायियों के बीच दोस्ती के सभी कारणों को नष्ट कर दिया जाएगा।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा