हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलआमाली सदूक" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر علیه السلام:
مَنْ أصابَ مالاً مِنْ غَلُولٍ أوَ رِباً أَو خِيانَةٍ اوَ سِرقَةٍ لَمْ يُقبـَلْ مِنـهُ فى زَكوةٍ وَ لا فى صَدَقَهٍ وَ لا فى حَجٍّ وَ لا عُمرَةٍ
हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़िर अ.स. ने फ़रमाया:
जो कोई भ्रष्टाचार, सूदखोरी, विश्वासघात और चोरी से धन जामा करता है,तो इस धन का वाजिब ज़ाकात,सद्का,हज और उमराह,पर खर्च करना सही नही हैं।
अलआमाली सदूक,पेज 442