हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "आमाली सदूक" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الرضا علیه السلام
مَن لم يَقدِرْ على ما يُكَفِّرُ بهِ ذُنوبَهُ فَلْيُكثِرْ مِنَ الصَّلاةِ على محمّدٍ وآلِهِ فإنّها تَهدِمُ الذُّنوبَ هَدماً
हज़रत इमाम अली रज़ा अ.स. ने फरमाया:
जो कोई ऐसा काम ना कर सके जिससे इसे इसके गुनाहों से छुटकारा हासिल हो जाए, तो इसे चाहिए कि वह मोहम्मद व आले मोहम्मद पर कसरत से दुरूद भेजें क्योंकि सलवात गुनाहों को मिटा देती हैं।
आमाली सदूक,123/131