हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हाइब्रिड वॉर में फ़ौजी हमले नहीं किए जाते, बल्कि धार्मिक और राजनैतिक अक़ीदे पर हमले होते हैं। यह जो सूरे 'अन्नास' में कहते हैं: “बार बार वसवसा डालने, बार बार पसपा होने वाले के शर से जो लोगों के दिलों में वसवसा डालता है।
ख़ाह वह जिन्नों में से हो या इंसानों में से।इसमें 'ख़न्नास' यही विदेशी प्रोपैगंडा मशीनरियां और उनकी बातों को दोहराने वाले भीतरी तत्व हैं जो वसवसे पैदा करते हैं, फ़ैक्ट्स को उलट पलट कर दिखाते हैं।
उनका मक़सद क़ौम के इरादे को कमज़ोर करना है, उनका मक़सद क़ौम की उम्मीदों और आरज़ूओं को कुचल देना है, चाहतें है कि मतभेद फैलाएं,
मुल्क में दो ध्रुवीय माहौल बनाएं, मुल्क की राष्ट्रीय ताक़त, हक़ीक़ी सॉफ़्ट पावर को क़ौम के हाथों से ले लें ये सॉफ़्ट पावर लोगों के ईमान, धार्मिक मान्यताएं व आदर्श, अवाम के राष्ट्रीय मूल्य, अवाम की आस्थाएं हैं।
जब वे यह काम अंजाम दे लेते हैं, तो इस फ़िक्र में रहते हैं कि मुल्क में अफ़रातफ़री फैलाकर मुल्क की स्थिरता छीन लें, अशांति पैदा करें और अगर मुमकिन हो तो गृह युद्ध छिड़वा दें, अलबत्ता उनको इस मामले में मुंह की खानी पड़ी है और आगे भी मुंह की खाएंगे।
इमाम ख़ामेनेई