۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | जो लोग नेमतों के प्रति कृतघ्न होते हैं और पापी लोग होते हैं वे अल्लाह के प्रेम से वंचित रह जाते हैं

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
يَمْحَقُ اللَّـهُ الرِّبَا وَيُرْبِي الصَّدَقَاتِ ۗ وَاللَّـهُ لَا يُحِبُّ كُلَّ كَفَّارٍ أَثِيمٍ  यमहक़ुल्लाहुर रिबा वा योरब्बिस सदाक़ाते वल्लाहो ला योहिब्बो कुल्ला कफ़्फ़ारिन असीम (बकरा 276)

अनुवाद: अल्लाह ब्याज़ ख़त्म कर देता है और सदक़ा बढ़ा देता है और अल्लाह उन लोगों से दोस्ती नहीं करता जो कृतघ्न और पापी हैं।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣  अल्लाह तआला सूदख़ोरी पूंजी को सदैव हानि और विनाश की ओर ले जाता है।
2️⃣  दान में दिये गये धन को अल्लाह बढ़ा देता है।
3️⃣  सूदखोरी प्रथा समाज की आर्थिक व्यवस्था को नष्ट कर देती है।
4️⃣  दान-पुण्य का प्रचलन ही आर्थिक व्यवस्था की समृद्धि का कारण है।
5️⃣  जो लोग नेमतों के प्रति कृतघ्न होते हैं और पापी लोग होते हैं वे अल्लाह की मुहब्बत से वंचित रह जाते हैं।


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तफसीर राहनुमा, सूर ए बक़रा

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