۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
मौलाना

हौज़ा/हरम ए इमाम रज़ा अ.स.के गैर ईरानी तीर्थयात्री विभाग के प्रमुख ने इमाम ए जुमआ खोजा मस्जिद मुंबई के साथ एक विशेष बैठक की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हरम ए इमाम रज़ा अ.स.के गैर ईरानी तीर्थयात्री विभाग के प्रमुख ने इमाम ए जुमआ खोजा मस्जिद मुंबई के साथ एक खुसूसी मुलाकात की इस मुलाकात के दौरान हुज्जातुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैय्यद अहमद अली आबिदी ने अपने बयान में कहा,हिंदुस्तान से ज़ियारत ए इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के लिए आने वाले ज़ायरीन का विशेष स्वागत किया जाए क्योंकि वह एक खास अकीदत के साथ यहां हाजिर होते हैं।

उन्होंने कहा बहुत से ज़ायरीन न जाने कितनी मुश्किलात के बाद यहां आ पाते हैं इस वजह से इन ज़ायरीन पर खास तवज्जो दी जाए

इमाम ए जुमआ खोजा मस्जिद मुंबई ने हरम ए इमाम रज़ा अ.स. के गेस्ट हाउस की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा:भारत से आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को इमाम रज़ा (अ.स.) के तबर्रक से आशीर्वाद लेना चाहिए

हां लेकिन तीर्थयात्रियों की संख्या ज्यादा होती है और इन तमाम ज़ायरीन को दस्तरखाने इमाम रज़ा अ.स.का तबर्रक चाहिए चाहे वह चावल या नमक की सूरत में ही क्यों ना हो ,तीर्थयात्रियों को तबर्रक के रूप दिया जाए ताकी तीर्थयात्रियों यहां से खाली हाथ वापस न जाए क्योंकि हिंदुस्तान की

एक संस्कृति है और एक विश्वास भी है। इमाम रज़ा अ.स. के प्रति विशेष प्रेम और स्नेह रखते हैं, जब भी हम घर से बाहर जाते हैं या कहीं यात्रा पर जाते हैं तो हमारे पास इमाम रज़ा अ.स. द्वारा नियुक्त इमाम ज़ामीन होती हैं।

उन्होंने कहा हिंदुस्तान के विभिन्न जगहों पर 17 तारीख को इमामे रज़ा अलैहिस्सलाम के दस्तरखान की नज़र दी जाती है

इस मुलाकात के दौरान उन्होंने सुप्रीम लीडर और इमाम खुमैनी र.ह. के बात को लोगों के सामने बयान किया जो उन्होंने हिंदुस्तानियों के बारे में जिक्र की थी उसके बाद उन्होंने इस बात को वहां  तक पहुंचाने के लिए कही जो उन्होंने ज़ायरीन के बारे में बयान की थी

अंत में उन्होंने वहां के सेवकों को हिंदुस्तान आने की दावत की और उन लोगों का शुक्रिया अदा किया

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