हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,दरगाह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से आए हुए प्रतिनिधिमंडल की हरम इमाम रज़ा अ.स.में ग़ैर ईरानी ज़ायरीन के अध्यक्ष से मुलाकात की,इस मुलाकात के दौरान सैयद अफजल मोईन चिश्ती और उनके साथ आए हुए लोगों से गुफ्तगू हुई
इस दौरान अफसल चिश्ती अजमेरी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मशहूर रुबाइयां सुनई जो उन्होंने अहलेबैत अ.स.के लिए पढ़ी थी और साथ ही ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मशहूर रूबाइयां
को भी पढ़ा
شاہ است حسین، بادشاہ است حسین (ع)
دین است حسین، دین پناہ است حسین (ع)
سر داد، نداد دست درِ دست یزید
حقا کہ بنائے لا الہ است حسین (ع)
उन्होंने आगे कहा कि अजमेर की दरगाह में मौजूद लोग हर साल इमामे राज़ा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत के लिए आते हैं।
उसके बाद कार्यालय ग़ैर ईरानी ज़ायरीन के
प्रमुख डॉ. ज़ुल्फ़िकारी ने भी अहले बैत अ.स.
के गुणों में हदीसों का हवाला दिया और उन्हें इमाम ए रऊफ़ के ज्ञान और तीर्थयात्रा के शिष्टाचार के बारे में बताया जिससे मेहमानों ने खुश होकर कहा कि आज जब भी ख्वाजा अजमेरी की दरगाह के दरवाजे खुलते हैं तो
من کنت مولاہ فھذا علی مولاہ
का पाठ करके खुलते हैं।
इस मुलाक़ात के मौक़े पर डॉ. ज़ुल्फ़िकारी ने इमाम रज़ा अ.स. की दरगाह और इमाम हुसैन अ.स. की दरगाह के तोहफ़े पेश किए उसरे बाद डॉ. जुल्फिकारी की सेवा की और हफ्ता वहदत को बधाई दी और उन्हें दरगाह अजमेर शरीफ आने का निमंत्रण दिया।
इस मुलाकात के दौरान हरम के सेवक और जनाब सुलेमानी और मौलाना सैय्यद मनाज़िर हुसैन नक़वी भी मौजूद थें,