हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र के कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी ने कासिम सुलेमानी की शहादत की चौथी बरसी के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "विभिन्न धर्मों और मज़हबो के बुजुर्गों की नज़र में शहीद क़ासिम सुलेमानी" को संबोधित किया। उन्होंने कहा: यह जनरल सुलेमानी ही थे जिन्होंने प्रतिरोध मोर्चों, विशेषकर सीरिया को रसद, सैन्य और सर्वांगीण सहायता प्रदान की, जिसके कारण हमारा देश बच गया।
फादर डौमाडिस अल-राहिब ने कहा: सभी इराकी प्रतिरोध बल कासिम सुलेमानी से प्रभावित हैं और उनका क्षेत्रीय संतुलन पर बहुत प्रभाव पड़ा है और कासिम सुलेमानी की शहादत ने क्षेत्रीय संबंधों को भी प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा, आईएसआईएस के खिलाफ युद्ध में कासिम सुलेमानी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी और यह उनके जीवन की सबसे बड़ी सफलता थी, जो न केवल इराक और सीरिया में बल्कि अफगानिस्तान में आतंकवाद और सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में भी बहुत प्रभावी थी।
इस मिस्र के ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी ने गाजा और फिलिस्तीन के लोगों के समर्थन में जनरल सुलेमानी की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा, "अगर हम इंटरनेट पर सर्च करेंगे तो हमें शहीद सुलेमानी के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलेगी। इसलिए इस क्षेत्र में उनकी मौजूदगी सार्थक थी। क्षेत्र के लोगो ने मौत की संस्कृति को स्वीकार कर लिया था लेकिन सरदार सुलेमानी ने इस सोच को बदल दिया।
उन्होंने कहा, आतंकवादी सोच और लोगों की जिंदगियां तबाह करना दरअसल एक फासीवादी सोच है जिसके खिलाफ शहीद सुलेमानी लड़ते रहे। अंत में, मैं आप सभी को वर्ष 2024 की शुभकामनाएँ देता हूँ और मुझे इस सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद देता हूँ।