हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیر المؤمنين عليه السلام
مَنْ لَمْ يُصْلِحْ نَفْسَهُ لَمْ يُصْلِحْ غَيْرَهُ
हज़रत इमाम अली अ.स. ने फरमाया:
जो अपनी इसलाह ना करें,वह दूसरों की इसलाह भी नही कर सकता।
गेरारूल हिकम,8990