۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
امام علی ع

हौज़ा / मौला ए मुत्तक़यान हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ) के जन्म दिन के शुभ अवसर पर अपने प्रिय पाठको की सेवा मे बधाई देते है। इस महान अवसर पर अहले-बैत (अ) के कवि अस्करी इमाम ख़ान जौनपुरी का कसीदा प्रस्तुत कर रहे है। 

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी |

क़सीदा

शायरः हुज्जतुल इस्लाम मौलाना अस्करी इमाम खान जौनपुरी 

1

खना ए काबा ज़चा ख़ाना नही इस्रार क्यो 

एक विलादत बन गई है इत्ना पुर असरार क्यो 

2

मुंकिरे ऐजाज़ बोलो सदहा तामीरो के बाद 

मिट नही पाया निशाने कोहना ए दीवार क्यो  

3

है जिदारे बैते हक़ या परदा ए मेराज है 

मुंतज़िर बाहर खड़े है अहमद मुख़्तार क्यो 

4

छोड़ कर तस्बीह या रब या अली का विरद है 

आज मालिक पे फ़रिश्ते बन गए मुख्तार क्यो 

5

हिफ़्ज़े पैगम्बर मे बेटीयो को सुलाया ज़ेरे तेग़  

एक काफिर ने किया इतना बड़ा ईसार क्यो  

6

दास्ता ख़ैबर की लिखता है मोअर्रिख यह भी लिख  

फौज थी बुजदिल तो फ़िर बदला गया सरदार क्यो  

7

कम न होगीं अज़मते जाअली हदीसो के तुफैल  

फ़िर उठाने मे लगे हो रेत की दीवार क्यो  

8

कुछ ना कुछ बाइस नुसैरी की खता का था ज़रूर 

वरना बंदे गुमान मालिक व मुख्तार करते क्यो  

9

शामिले अहेल किसा है ये हेसारे इन्नमा 

फ़िर करू शामिल नबी के और रिश्तेदार क्यो  

10

बैते मौला जाइरो की बन गया आमाज गाह  

हो गए सकूत भरे शाही महल मिस्मार क्यो  

11

मौला अपने हाथ का धोवन अता कर दीजिए  

अब नही भाते ना जाने दरहिम व दीनार क्यो 

12

बहरे जन्नत चाहिए सिक्का अली के नाम का  

खोटे सिक्को पर चले गा हश्र का बाजार क्यो 

13

मुंकिरे ज़िक्रे फ़ज़ाइल फ़िर फ़राज़े दार से  

ज़िक्र मौला कर रहे है मीसम तम्मार क्यो  

14

कर लिया ईमा का सौदा माले दुनिया के एवज़  

उफ़ मुसलमानो का इतना गिर गया मेआर क्यो 

15

हश्र तक यूही रहेगी अमनीयत जेरे सवाल  

राहज़न बनने लगे है काफ़ला सालार क्यो  

16

इल्म मेयारे सआदत काश होता अस्करी  

होते दुनिया की नज़र मे हम ज़लील व ख़ार क्यो  

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