۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
लेबनान

हौज़ा/लेबनान के अमल मूवमेंट ने एक बयान जारी करके पवित्र कुरआन के अपमान और जलाने की निंदा करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे अपराधों के सामने चुप्पी और अपराधियों से निपटने में विफलता बहाने की परवाह किए बिना ऐसा करने वालों के साथ एक संदिग्ध मिलीभगत मानी जाती है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लेबनान के अमल मूवमेंट ने एक बयान में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक मस्जिद के सामने पवित्र कुरान के अपमान की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के अपराध को दोहराना दुनिया भर के सभी मुसलमानों की भावनाओं पर हमला नही है,

बलकि यह सभी स्वर्गीय संदेशों पर एक हमला है। अमल मूवमेंट के बयान के एक हिस्से में कहा गया है: "तथ्य यह है कि कुछ शासन और सरकारें लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नारों के पीछे खड़ी हैं,

इसका मतलब किसी भी तरह से पवित्रताओं और धार्मिक मूल्यों का उल्लंघन करना और मानवीय गरिमा का अनादर करना नहीं है।

इस बयान में दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस तरह के चल रहे अपराधों को खत्म करने के लिए गंभीर और जिम्मेदार रुख अपनाने को कहा गया है।

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