शनिवार 17 फ़रवरी 2024 - 10:36
झूठ बोलने से अगर किसी को नुक़सान नहीं पहुंचे तो झूठ बोलना कैसा है?

हौज़ा / झूठ बोलना चाहे उससे किसी दूसरे को नुक़सान ना भी पहुंचे हाराम है और सबसे बदतर झूठ, झूठी गवाही देना हैं, झूठी क़सम खाना हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए पूछे गए प्रश्न और उसके उत्तर का पाठ बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:झूठ बोलने से अगर किसी को नुक़सान नहीं पहुंचे तो झूठ बोलना कैसा है?

उत्तर:झूठ बोलना चाहे उससे किसी दूसरे को नुक़सान ना भी पहुंचे हाराम है और सबसे बदतर झूठ, झूठी गवाही देना हैं, झूठी क़सम खाना हैं।

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