۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | हज़रत ईसा  (अ) की पैग़म्बरी साबित करने के लिए यहूदियों के विरुद्ध ईसाइयों के तर्क।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
مَا كَانَ إِبْرَاهِيمُ يَهُودِيًّا وَلَا نَصْرَانِيًّا وَلَٰكِن كَانَ حَنِيفًا مُّسْلِمًا وَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِينَ   माकाना इब्राहीमो यहूदीय्यन वला नसरानिय्यन वलाकिन काना हनीफ़म मुस्लेमन वमा काना मिनल मुशरेकीन (आले-इमरान, 66)

अनुवाद: इब्राहीम न तो यहूदी थाेऔर न ही ईसाई, बल्कि वह एक शुद्ध मुस्लिम (ईश्वर का आज्ञाकारी सेवक) थे और वह बहुदेववादियों में से नहीं थे।

क़ुरआन की तफ़सीर:

1️⃣ हज़रत ईसा (अ) की नबूवत को सिद्ध करने के लिए यहूदियों के विरुद्ध ईसाइयों के तर्क।
2️⃣ ईसाइयों के विरुद्ध यहूदियों का सही तर्क यह है कि हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम मे न तो ईश्वरत्व था और न ही वह अल्लाह के पुत्र थे।
3️⃣ ऐसे मुद्दों पर चर्चा और बहस करना निंदा है जिसके बारे में कोई नहीं जानता है।
4️⃣ किताब वालों का उस धर्म से अनभिज्ञ होना जिस पर हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम थे।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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