۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / हज़रत इब्राहीम (अ) न तो यहूदी थे और न ही ईसाई। हज़रत इब्राहीम (अ) हनीफ़ (सच्चाई के अनुयायी) और अल्लाह के प्रति समर्पण करने वाले थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
مَا كَانَ إِبْرَاهِيمُ يَهُودِيًّا وَلَا نَصْرَانِيًّا وَلَٰكِن كَانَ حَنِيفًا مُّسْلِمًا وَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِينَ   वमा काना इब्राहीमो यहूदीयन वला नसरानीयन वलाकिन काना हनीफ़म मुस्लेमव वमा काना मिनल मुशरेकीन (आले-इमरान, 67)

अनुवाद: इब्राहीम न तो यहूदी थे और न ही ईसाई, बल्कि वह एक शुद्ध मुस्लिम (ईश्वर का आज्ञाकारी सेवक) थे और वह बहुदेववादियों मे से नही थे।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ हज़रत इब्राहीम (अ) न तो यहूदी थे और न ही ईसाई।
2️⃣ हज़रत इब्राहीम (अ) एक हनीफ़ (सच्चाई के संरक्षक) और अल्लाह के प्रति समर्पण करने वाले थे।
3️⃣ यहूदी और ईसाई सत्य से भटके हुए, पापी और बहुदेववादी थे।
4️⃣ हज़रत इब्राहीम (अ) को मूर्ति पूजा से शुद्ध किया गया था।
5️⃣ हजरत इब्राहीम (अ) मुहम्मद मुस्तफा (स) के धर्म पर थे।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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