۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | लोगों को उपदेश देना और उनका मार्गदर्शन करना हज़रत मसीह (अ) का जीवन भर मिशन था। हज़रत ईसा (अ) एक प्रतिष्ठित और असाधारण इंसान थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَيُكَلِّمُ النَّاسَ فِي الْمَهْدِ وَكَهْلًا وَمِنَ الصَّالِحِينَ  वयोकल्लेमुन्नासा फ़िल महदे वकहलल्न वमिनस सालेहीन (आले-इमरान, 46)

अनुवाद: और वह पालने में भी लोगों से बात करेगा। और अधेड़ उम्र में भी, और धर्मियों में से होंगा।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ लोगों को उपदेश देना और मार्गदर्शन करना हज़रत मसीह (अ) का जीवन भर मिशन रहा है।
2️⃣ हज़रत ईसा (अ) एक प्रतिष्ठित और असाधारण इंसान थे।
3️⃣ हजरत ईसा (अ) का पालने में  बातें करना उनकी विशिष्टता और असाधारणता का प्रतीक है।
4️⃣ हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम नेक लोगों की पीढ़ी के एक नेक इंसान थे।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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