۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | पैगंबरों ने किसी को स्वर्गदूतों और पैगंबरों को भगवान बनाने का आदेश नहीं दिया। पैगम्बरों और स्वर्गदूतों के प्रभुत्व में विश्वास पैगम्बरों के लक्ष्यों के अनुकूल नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَلَا يَأْمُرَكُمْ أَن تَتَّخِذُوا الْمَلَائِكَةَ وَالنَّبِيِّينَ أَرْبَابًا ۗ أَيَأْمُرُكُم بِالْكُفْرِ بَعْدَ إِذْ أَنتُم مُّسْلِمُونَ वला यामोरकुम अन तत्तेख़ेज़ुल मलाएकता वन नबीयीना अरबाबन अयामोरोकुम बिल क़ुफरे बादा इज़ अंतुम मुस्लेमूना (आले-इमरान, 80)

अनुवाद: और वह तुम्हें कभी यह आदेश नहीं देगा कि तुम स्वर्गदूतों और नबियों को अपना रब बनाओ। वह तुम्हें अविश्वास करने का आदेश देगा। आपके मुसलमान होने के बाद?

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ पैग़म्बरों (स) ने किसी को यह आदेश नहीं दिया कि फ़रिश्तों और नबियों (अ) को अपना रब बनायें।
2️⃣ पैगंबरों और स्वर्गदूतों के प्रभुत्व में विश्वास पैगंबरों के लक्ष्यों के अनुकूल नहीं है।
3️⃣ अहले किताब लोगों द्वारा पैग़म्बरों और फ़रिश्तों की प्रभुता पर विश्वास।
4️⃣ पैगंबर (अ), स्वर्गदूतों और भगवान के अलावा किसी भी चीज़ का ब्रह्मांड के प्रभुत्व में कोई स्थायी प्रभाव नहीं है।
5️⃣ अल्लाह और उसकी तौहीद के प्रति समर्पण पैगंबरों के निमंत्रण की भावना है।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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