۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / हज़रत मरियम (स) अल्लाह की दृष्टि में उनका स्थान ऊंचा है। हज़रत मरियम मक़ामे इस्मत रखती है। हज़रत मरियम की ईमानदारी, पवित्रता और उत्कृष्टता ने उन्हें दुनिया की महिलाओं से श्रेष्ठ बना दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم     बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَإِذْ قَالَتِ الْمَلَائِكَةُ يَا مَرْيَمُ إِنَّ اللَّـهَ اصْطَفَاكِ وَطَهَّرَكِ وَاصْطَفَاكِ عَلَىٰ نِسَاءِ الْعَالَمِينَ  वइज़ कालतिल मलाएकतो या मरयमो इन्नल्लाहस तफके वस्तफ़ाके अला नेसाइल आलामीना (आले-इमरान, 42)

अनुवाद: और जब फ़रिश्तों ने कहा, ऐ मरियम! निस्संदेह, अल्लाह ने तुम्हें चुन लिया है और तुम्हें पाक और पवित्र बना दिया है। और तुझे सारे जगत की स्त्रियों में से चुन लिया है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ स्वर्गदूतों द्वारा पैगंबरों के अलावा अन्य लोगों से बात करने की संभावना।
2️⃣ अल्लाह की नज़र में हज़रत मरियम का उच्च पद और प्रतिष्ठा।
3️⃣ हज़रत मरियम, मक़ामे इस्मत रखती है।
4️⃣ हज़रत मरियम की ईमानदारी, पवित्रता और पसंद ने उन्हें दुनिया की महिलाओं से श्रेष्ठ बना दिया।
5️⃣ हज़रत मरियम, पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए आदर्श हैं।
6️⃣ स्त्री की स्थिति के मूल्यांकन का मापदण्ड उसकी पवित्रता एवं सतीत्व है।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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