हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मन ला याहज़ूर अलफ़ाकीह" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال أمیرالمؤمنین على عليه السلام
إيّاکم وَالتَّنَعُّمَ وَالتَّلَهِّيَ وَالفاکهاتِ؛ فَإِنَّ في ذلِک غَفلَةً وَاغتِرارا
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
बेहूदा बातों, आनंद और विलासिता (आयश व इशरत) से दूर रहों, क्योंकि यह गफ़लत और ग़ुरूर का सबब हैं।
मन ला याहज़ूर अलफ़ाकीह,भाग 1,पेंज 216