हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मन ला याहज़ूर अलफ़ाकीह" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله
مَنْ ماتَ فی احَدِ الْحَرَمَیْنِ مَکَّةَ وَ الْمَدینَةِ لَمْ یُعْرَضْ وَ لَمْ یُحاسَبْ وَ ماتَ مُهاجِراً الَی اللَّهِ عزَّوَجلّ وَ حُشِرَ یَوْمَ الْقیامَةِ مَعَ اصْحابِ بَدْر
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जिससे दो हरमौ (यानी मक्का और मदीना) में किसी एक में मौत आ जाए तो उसे कयामत के दिन नामा ए आमाल लेने और हिसाब देने के लिए हाज़िर नहीं किया जाएगा और उसकी मौत को खुदा की तरफ हिज़रत शुमार किया जाएगा, और वह कयामत के दिन (असहब और शोहदा ए बद्र) के साथ महशूर होगा
मन ला याहज़ूर अलफ़ाकीह,भाग 2,पेंज 565