हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
أعقَلُ المُلوکِ مَن ساسَ نَفسَهُ لِلرَّعِیَّةِ بما یُسقِطُ عَنهُ حُجَّتَها، و ساسَ الرَّعِیَّةَ بما تُثبِتُ بهِ حُجَّتَهُ علَیها
हज़रत इमाम अली अ.स.ने फरमाया:
अकलमंदतारीन अधिकारी वह है, जो अपने कामों को इस तरह चलाएं की कौम का उस पर कोई एतराज़ और बहाना बाकी ना रहे, और लोगों पर इस तरह की सियासत अख्तियार करें की इन पर अपनी इज्जत तमाम कर दे।
गेरारूल हिकम,हदीस नं 3350