۳ آبان ۱۴۰۳ |۲۰ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 24, 2024
मौलाना सय्यद साजिद मोहम्मद

हौज़ा /  आयतुल्लाह सय्यद अली सिस्तानी की शख्सियत न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक प्रेरणा है। उनकी शिक्षाएं ज़ुल्म के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देती हैं। जब दुनिया देख रही है कि ज़ालिमों ने किस तरह से निर्दोषों का खून बहाया है, तब हमें चाहिए कि हम एकजुट होकर ज़ालिमों को कड़ा संदेश दें: हम खामोश नहीं बैठेंगे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
लेखकः सैयद साजिद रज़वी मोहम्मद 

जब हम फ़लस्तीन और लेबनान में हो रहे ज़ुल्म की बात करते हैं, खासकर उन बेगुनाह बच्चों के कत्ल के संदर्भ में, तो यह स्पष्ट है कि यह केवल एक धार्मिक या भौगोलिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मानवता पर एक बड़ा प्रश्न है। आज, जब ज़ायोनी शासन ने आयतुल्लाह सय्यद अली सिस्तानी को चुनौतियों का सामना करने के लिए चुनौतीपूर्ण पोस्टर दिखाए हैं, तो यह एक संकेत है कि वे उस मार्गदर्शक से डरते हैं जो सच्चाई और न्याय की आवाज उठाते हैं।

आयतुल्लाह सय्यद अली सिस्तानी की शख्सियत न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक प्रेरणा है। उनकी शिक्षाएं ज़ुल्म के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देती हैं। जब दुनिया देख रही है कि ज़ालिमों ने किस तरह से निर्दोषों का खून बहाया है, तब हमें चाहिए कि हम एकजुट होकर ज़ालिमों को कड़ा संदेश दें: हम खामोश नहीं बैठेंगे।

सय्यद  का मार्गदर्शन हमें यह सिखाता है कि सच्चाई के रास्ते पर चलना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन यह आवश्यक है। हमें ज़ालिमों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होना होगा, ताकि हमारी आवाज़ सुनाई दे सके। उनके ख़िलाफ़ हमारी दृढ़ता और एकजुटता ही उन्हें समझाएगी कि हम अपनी आवाज़ को दबाने नहीं देंगे।

इसलिए, हमें ज़ालिमों को स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि उनका ज़ुल्म अब और नहीं चलेगा। हम अपनी आवाज़ को उठाएंगे, और जब तक ज़ुल्म का अंत नहीं होता, तब तक हम संघर्ष करते रहेंगे। ज़ायोनी शासन को यह समझ लेना चाहिए कि हम कभी भी अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटेंगे।

आइए, हम आयतुल्लाह सय्यद अली सिस्तानी के मार्गदर्शन पर चलते हुए एकजुट होकर यह संकल्प लें कि हम मानवता के खिलाफ होने वाले ज़ुल्म का डटकर सामना करेंगे और ज़ालिमों को सख्त महकूम कर देंगे। हमारी आवाज़ और हमारी एकता ही सबसे बड़ा हथियार है, जो हमें विजय दिलाएगी।

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