हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "आमाली" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الھادی علیه السلام
إذا أخلَصتَ فی طاعَةِ اللّهِ، وَاعتَرَفتَ بِرَسولِ اللّهِ (ص) و بِحَقِّنا أهلَ البَیتِ، وسَأَلتَ اللّهَ ـ تَبارَک وتَعالی ـ شَیئا لَم یحرِمک
हज़रत इमाम हादी अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अगर आपने खोलूस नीयत से अल्लाह तआला की आताअत की(वाजिबात और मुहरमात में अल्लाह ताला की आताअत की) और हज़रत रसूले खुदा और हम अहलेबैत अ.स.की हक्कानीयत का इकरार किया और फिर अल्लाह ताला से कोई चीज़ मांगी तो अल्लाह ताला तुम्हें महरूम नहीं करेगा।
अलआमाली तूसी,भाग 286,पेज 555