हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलआमाली तूसी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلى الله عليه وآله
إِنَّما سُمِّيَتِ ابْنَتِي فاطِمَةُ لِأَنَّ اللّهَ عَزَّوَجَلَّ فَطَمَها وَفَطَمَ مَنْ أَحَبَّهَا مِنَ النَّارِ.
हज़रत रसूल आल्लाह ने फ़रमाया:
"फ़ातिमा" का नाम "फ़ातिमा" इसलिए रखा गया क्योंकि अल्लाह तआला ने हज़रत फ़ातिमा (स) के प्रेमियों को नर्क की आग से मुक्त कर दिया था।
अलआमाली तूसी, पेंज 300
आपकी टिप्पणी