हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम वल-मुसलेमीन अहमद फ़र्ऱुख फाल ने हौजा न्यूज एजेंसी से बात करते हुए दुश्मनों के साथ किसी भी तरह की नरमी को मुस्लिम उम्माह के लिए बेहद खतरनाक बताया है। उन्होंने पवित्र क़ुरआन के सूरह तौबा की आयत : " या अय्योहन नबीयो हर्रेज़िल मोमेनीना अलल क़िताले इन यकुम मिनकुम इशरूना सबेरूना यग़लेबू मेअतैने व इय यकुम मिन्कुम मेअता यग़लेबू अलफ़म मिनल लज़ीना कफरू बेअन्हुम क़ौमल या यफ़क़हून" का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम ने हमेशा विश्वासियों से आग्रह किया है कि वे इस्लाम के दुश्मनों का विरोध करें और उनका विरोध करें। यदि दुश्मनों के हमलों के प्रति इस्लामी समाज में थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो इस्लाम को अपूरणीय क्षति उठानी पड़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी शिक्षाएं हमें स्पष्ट रूप से रक्तपात, लूटपाट और उपनिवेशवादी साजिशों के खिलाफ खड़े रहने का निर्देश देती हैं: पवित्र कुरान कहता है: बैठो और उन पर नजर रखो। َजैसा कि हमने देखा है फिलिस्तीन, लेबनान और इराक में दुश्मन के खिलाफ थोड़ी सी भी लापरवाही इतिहास की बड़ी आपदाओं को फिर से जन्म दे सकती है।
अंत में उन्होंने शहीदों, खासकर सय्यद हसन नसरुल्लाह और कासिम सुलेमानी के बलिदान का जिक्र किया और कहा कि हम सभी उनके खून के कर्जदार हैं और अगर हम अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभा सकते तो हम स्वीकार्य जवाब भी नहीं दे पाएंगे।
आपकी टिप्पणी