हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,ईरान के शहर बलवर्द के इमाम ए जुमाआ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली रज़ाई ने जुमआ के खुत्बे में सैयद हसन नसरुल्लाह और सरदार अब्बास नीलफरोशन के चहल्लुम के मौके पर कहा, हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम मालिक अश्तर के बारे में फरमाते हैं,अगर वह पहाड़ होते तो एकता और मजबूती का प्रतीक होते।
उन्होंने कहा,दाइश के मुकाबले में बहुत से लोग हारकर किनारे हो गए मगर सैयद हसन नसरुल्लाह हाजी क़ासिम के साथ मजबूती से खड़े रहे।
वह महान अरब थे लेकिन हमेशा खुद को हाजी क़ासिम की तरह विलायत का सिपाही समझते थे। उन्हें धमकियां मिलीं मगर उनका जवाब था 'हैयात मिन्ना ज़िल्ला' यानी हम कभी अपमान को स्वीकार नहीं करेंगे।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली रज़ाई ने हज़रत ज़ैनब स.ल. के जन्मदिवस और नर्स दिवस के मौके पर कहा,नर्सिंग केवल अस्पताल तक सीमित नहीं है।
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने फरमाया जो किसी बीमार की आवश्यकता पूरी करे वह ऐसा है जैसे उसके सभी गुनाह माफ कर दिए जाएं। जो व्यक्ति किसी बीमार की मदद के लिए प्रयास करता है। चाहे उसकी ज़रूरत पूरी हो या न हो वह उन गुनाहों से ऐसे पवित्र हो जाता है जैसे उस दिन जब उसकी मां ने उसे जन्म दिया था।
उन्होंने आगे कहा,इसी तरह माता पिता की सेवा का वचन भी इंसानियत से लिया गया है जब माता-पिता बूढ़े या बीमार हों तो उनका सम्मान करो क्योंकि अल्लाह की रज़ा माता पिता की रज़ा में है।