۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
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हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम शेख़ अली नजफ़ी ने मेहमानों को अपने संबोधन में कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे समय के इमाम के साथ हमारा संपर्क स्थायी होना चाहिए और उनकी और अल्लाह की ख़ुशनूदी प्राप्त करने का हमारा सदैव यही प्रयास होना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी के बेटे और अनवार अल नजफ़ीया फाउंडेशन के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम शेख अली नजफ़ी ने मेहमानों को अपने संबोधन में कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे समय के इमाम के साथ हमारा संपर्क स्थायी होना चाहिए और उनकी और अल्लाह की ख़ुशनूदी प्राप्त करने का हमारा सदैव यही प्रयास होना चाहिए।

उन्होंने आगे महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा,महिलाओं को हज़रत फ़ातेमा ज़हेरा अ.स. की जीवनी और फ़ज़ाएल व मनाक़िब से स्वयं फ़ायदा उठाना चाहिए और इसका प्रचार-प्रसार करना चाहिए।

हुज्जतुल इस्लाम शेख़ अली अल नजफ़ी साहब ने केंद्रीय कार्यालय में इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत किया जिनमें मशहद से उत्कृष्ट उपलब्धियाँ हासिल करने वाले छात्र, कुरान विश्वविद्यालय की छात्रायें और सामान्य रूप से ज़ाएरीन शामिल थे।

हुज्जतुल इस्लाम शैख़ अली अल नजफ़ी साहब ने मेहमानों को अपने संबोधन में कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे समय के इमाम के साथ हमारा संपर्क स्थायी होना चाहिए और उनकी और अल्लाह की ख़ुशनूदी प्राप्त करने का हमारा सदैव यही प्रयास होना चाहिए।

उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले छात्रों के आगे के विकास के लिए बारगाहे ख़ुदावन्दी में दुआ करते हुए उनके माता-पिता और शिक्षकों की प्रशंसा की क्योंकि छात्रों की सफलता में माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

आगे उन्होंने कुरान यूनिवर्सिटी के छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को हज़रत फ़ातिमा_ज़हरा अ.स. की जीवनी और फ़ज़ाएल व मनाक़िब से स्वयं फ़ायदा उठाना चाहिए और इसका प्रचार-प्रसार करना चाहिए , उन्होंने आगे कहा कि जियारत की कुबूलियत की एक निशानी यह है कि जियारत के बाद हर मोमिन में सकारात्मक बदलाव आना चाहिए।

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