۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / इन्हें कोई अख्तियार नहीं है मगर औलाद को उनका अदब एहतेराम करना चाहिए और उन चीजों में उनकी अताआत करनी चाहिए जिनमें वह दया (शफखत)के कारण अनुमति नहीं देते हैं, या किसी चीज से मना करते हैं ,और उसकी मुखालिफ से इन्हें तकलीफ होती हो और इसी तरह अगर वह कुछ ना कहे लेकिन जनता हो कि इसके इस काम से शफकत की बुनियाद पर इन्हें तकलीफ हो रही है तब भी जायज़ नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : माता-पिता के लिए 23 साला शादीशुदा बेटे के लिए क्या अधिकार हैं?

जवाब : इन्हें कोई अख्तियार नहीं है मगर औलाद को उनका अदब एहतेराम करना चाहिए और उन चीजों में उनकी अताआत करनी चाहिए जिनमें वह दया (शफखत)के कारण अनुमति नहीं देते हैं,या किसी चीज से मना करते हैं ,और उसकी मुखालिफ से इन्हें तकलीफ होती हो और इसी तरह अगर वह कुछ ना कहे लेकिन जनता हो कि इसके इस काम से शफकत की बुनियाद पर इन्हें तकलीफ हो रही है तब भी जायज़ नहीं है।

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