۱۶ آذر ۱۴۰۳ |۴ جمادی‌الثانی ۱۴۴۶ | Dec 6, 2024
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हौज़ा / देश में वक्फ बोर्ड और उससे जुड़े मुद्दों पर बहस तेज होती जा रही है। इसी बीच विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी के विवादित बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए और वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,देश में वक्फ बोर्ड और उससे जुड़े मुद्दों पर बहस तेज होती जा रही है। इसी बीच विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी के विवादित बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए और वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए

महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी का बयान:

महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी ने बेंगलुरु में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा,देश में ऐसा कानून लाना चाहिए जिसके तहत मुस्लिम समुदाय के किसी भी व्यक्ति को वोट देने का अधिकार न हो वक्फ बोर्ड को खत्म करना होगा क्योंकि यह किसानों की जमीनों पर दावे कर रहा है। किसी की जमीन छीनना किसी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता।

उन्होंने यह भी कहा,पाकिस्तान ने अपने यहां दूसरे धर्मों के लोगों के वोटिंग अधिकार सीमित कर दिए हैं भारत में भी ऐसा ही होना चाहिए ताकि मुस्लिम समुदाय अपने दायरे में रहे और देश में शांति बनी रहे।

मौलाना जावेद हैदर जैदी ने जताई कड़ी आपत्ति:

महंत स्वामी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना जावेद हैदर जैदी ने इसे न केवल भड़काऊ बल्कि असंवैधानिक भी बताया उन्होंने कहा,यह बयान भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। संविधान ने हर नागरिक को समान अधिकार दिए हैं चाहे वह किसी भी धर्म जाति या वर्ग से हो। इस तरह के बयान समाज को बांटने और नफरत फैलाने के उद्देश्य से दिए जा रहे हैं।

मौलाना ने आगे कहा,भारत की विविधता इसकी ताकत है। किसी भी समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित करना न केवल असंवैधानिक है बल्कि यह देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है। 

वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा गरमाई:
 
संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन बिल चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है इस मुद्दे पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक बुधवार को होनी है जिसमें बिल का ड्राफ्ट पेश किया जा सकता है विपक्ष ने इस समिति के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की है। 

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और संभावित प्रभाव:

महंत के इस बयान पर राजनीतिक हलकों से भी तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्षी दलों ने इसे देश की धर्मनिरपेक्षता पर हमला बताते हुए निंदा की है। संवैधानिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान न केवल गैरकानूनी हैं बल्कि देश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर सकते हैं। 

निष्कर्ष:

महंत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी का बयान और मौलाना जावेद हैदर जैदी की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि वक्फ बोर्ड और मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर बहस तीखी होती जा रही है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सावधानीपूर्वक और जिम्मेदार रवैया अपनाने की जरूरत है ताकि समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।

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