۲۹ آبان ۱۴۰۳ |۱۷ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 19, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई ने "नियाबती नमाज़ और रोज़े" के संबंध में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अयातुल्ला खामेनेई ने "प्रॉक्सी प्रार्थना और उपवास" के संबंध में एक सवाल का जवाब दिया, जो धार्मिक मुद्दों में रुचि रखने वालों को दी जा रही है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ प्रस्तुत कर रहे है।

* नियाबती नमाज और रोज़े का हुक्म

सवाल: क्या जो व्यक्ति अपनी नमाज़ और रोज़े का ज़िम्मेदार है, वह किसी मृत व्यक्ति की नमाज़ और रोज़ा कर सकता है?

उत्तर: नमाज़ के संबंध में कोई कठिनाई नहीं है, लेकिन रोज़े के संबंध में दो मामले हैं: यदि रोज़ा रखने वाला कोई अजीर है, तो कोई कठिनाई नहीं है, लेकिन यदि कोई अजीर नहीं है और यह मुफ़्त में किया जाता है, तो ऐहतियाते वाजिब की बिना पर सही नही है। लेकिन मृतक का बड़ा बेटा किसी भी स्थिति में अपने पिता का क़ज़ा रोज़ा पूरा कर सकता है।

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