हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने नमाज़ मे इमाम हुसैन (अ) को सलाम देने के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई मसाइल मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
सवाल: क्या नमाज़ के क़ुनूत में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को सलाम करना गलत है? यदि किसी व्यक्ति ने गुज़िश्ता नमाज़ों में यह कार्य किया है, तो इस स्थिति में क्या हुक्म है?
जवाब : सामान्य तौर पर, नमाज में अल्लाह के अलावा किसी और को संबोधित करना नमाज के बातिल करने का कारण है, लेकिन गुज़िश्ता नमाज़े - कि यह व्यक्ति हुक्म नही जानता था और इसके विपरीत नहीं सोचता - वैध है, लेकिन एहतियात वाजिब की बिना सज्दा ए सहू करे।