हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने अस्थायी निवास के स्थान मे नमाज़ और रोज़ा के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिलचिस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और जवाब के पाठ का उल्लेख कर रहे है।
सवाल: दिल के ऑपरेशन और उसके बाद सांस की समस्याओं की विशिष्ट स्थिति को देखते हुए, मैंने एक साल के लिए एक अच्छी जलवायु वाले शहर में अस्थायी स्थानांतरण कराया है और स्थिति में सुधार होने पर घर वापसी का इरादा है। क्या वर्तमान समय मे मेरी और मेरी पत्नी की इस अस्थायी निवास स्थान मे नमाज़ पूरी होगी या क़स्र ?
जवाब: अगर चे यह अस्थायी निवास स्थान वतन का दर्जा नहीं रखता, यदि आप कम से कम एक वर्ष के लिए वहां रहने का इरादा रखते हैं, तो आप मुसाफिर शुमार नही होंगे और वहां पर यहां तक के दस दिन के रहने के इरादे के बिना भी आपकी नमाज़ पूरी होगी और रोज़ा सही है।