हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने अरबईन से कुछ दिन पहले या बाद मे अरबईन की ज़ियारत करने के सवाब से संबंधित पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चिस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए प्रश्न और उसके उत्तर के पाठ का उल्लेख कर रहे है।
प्रश्न: क्या अरबईन से कुछ दिन पहले या बाद में अरबईन की ज़ियारत करने का सवाब एक ही है?
उत्तर: सय्यद उश-शोहदा (अ.स.) की ज़ियारत किसी भी वक़्त मुस्तहब है और इसका अज़्र अज़ीम है। लेकिन एक खास समय मे ज़ियारत ए अरबईन अंजाम देने का सवाब उसी वक़्त ज़ियारत करने से मख़सूस है। हालांकि, इस से पहले या बाद मे इस ख़ास सवाब की प्राप्ति की आशा में ज़ियारत करने मे कोई बाधा नहीं है।