हौज़ा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के शहर नज़फाबाद स्थित मदरसा इलमिया "उम्मुल आइम्मा (अ)" में आयोजित एक विशेष क़ुरआनी वर्कशॉप में उस्ताद और शोधकर्ता हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलमीन सईद रेहाई ने वैवाहिक जीवन और परिवार के विषय पर क़ुरआन की आयतों की तफ्सीर की। उन्होंने शादी का मूल उद्देश्य "शांति" को बताया और कहा कि यह शांति, दोस्ती और सहयोग (मवद्दत) और निस्वार्थ प्यार (रहमत) के माध्यम से हासिल की जा सकती है।
हुज्जतुल इस्लाम सईद रेहाई ने "क़ुरआन और परिवार" के विषय पर अपने भाषण में "रशिद इस्तिंताक़ी" यानी क़ुरआन से सवाल पूछने और उन्हीं आयतों में उनके उत्तर खोजने की पद्धति को अपनाने की अहमियत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरीके से शोधकर्ताओं को क़ुरआन के विभिन्न विषयों पर सवाल पूछकर, क़ुरआन की गहराई में जाकर उसकी शिक्षाओं और अर्थों को समझने का अवसर मिलता है।
वर्कशॉप में, हुज्जतुल इस्लाम रेहाई ने सूरा-ए-रूम की आयत 21 की तफ्सीर करते हुए कहा कि शादी का मुख्य उद्देश्य शांति हासिल करना है, जिसे मवद्दत (दोस्ती और सहयोग) और रहमत (निस्वार्थ प्रेम) के द्वारा संभव बनाया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि पुरुष और महिला की इंसानियत में बराबरी एक महत्वपूर्ण विषय है, जो एक मजबूत और अच्छा परिवार बनाने के लिए आवश्यक है।
यह वर्कशॉप, जो पांच सत्रों में आयोजित होती है और प्रत्येक सप्ताह शनिवार को आयोजित की जाती है, छात्रों और क़ुरआनी विषयों में रुचि रखने वालों के लिए एक बेहतरीन अवसर प्रदान कर रही है ताकि वे क़ुरआन में महिलाओं और परिवार के स्थान को नए दृष्टिकोण से समझ सकें।