हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , महिलाओं के दीनी मदरसे मदरसा इल्मिया हज़रत सिद्दीक़ा ताहिरा गरक़ाबाद में अय्याम-ए-फातिमिया की मुनासिबत से आयोजित मजलिस ए अज़ा को ख़िताब करते हुए श्रीमति फाज़िल ने कहा कि अहले बैत (अ.स.) की पहचान और उनके फरामीन को अपने जीवन का आदर्श बनाना जीवन की खुशहाली और पूर्णता का कारण बनता है।
उन्होंने अहले बैत अ.स.की मारफत और मोहब्बत के असरात और नतीजों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अहले बैत अ.स. की अधिक से अधिक पहचान हासिल करके और उनके बेमिसाल फरामीन को अपने जीवन का आदर्श बनाकर हम अपनी जिंदगी में कामयाबी और पूर्णता की राह तय कर सकते हैं।
उन्होने ने कहा कि हिदायत से भरी और नूरानी जिंदगी सिर्फ़ क़ुरआन और अहले बैत अ.स. से ज़रिए हासिल की जा सकती है। बच्चों की तालीम और तरबियत के सिलसिले में मां बाप की जिम्मेदारी यह है कि वे उन्हें रूहानी और तरक्कीपसंद राह पर ले चलें।
श्रीमती फाज़िल ने सभी मामलों में कामयाबी का राज़ सुबह जल्दी उठने और वक्त पर नमाज़ अदा करने को बताया।
उन्होंने कहा कि यह आदत दूसरों कामों में कामयाबी के लिए ज़मीन तैयार करने और उनका बुनियाद बनने में अहम किरदार अदा कर सकती है।